Not known Details About Shiv chaisa
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जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
अर्थ: हे भगवन, देवताओं ने जब भी आपको पुकारा है, तुरंत आपने उनके दुखों का निवारण किया। तारक जैसे राक्षस के उत्पात से परेशान देवताओं ने जब आपकी शरण ली, आपकी गुहार लगाई।
शिव आरती
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
O Universal Lord, each individual early morning as being a rule I recite this Chalisa with devotion. Make sure you bless me to ensure I could possibly achieve my more info content and spiritual needs.
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
प्रतिदिन शिव चालीसा का पाठ करने से आपके जीवन की कठनाईया दूर होती हैं ।
संकट से मोहि आन उबारो ॥ मात-पिता भ्राता सब होई ।
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
ब्रह्म – कुल – वल्लभं, सुलभ मति दुर्लभं, विकट – वेषं, विभुं, वेदपारं ।
वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
शिव चालीसा का पाठ करने से आपके कार्य पूरे होते है और मनोवांछित वर प्राप्त होता हैं।